मिड्ल ईस्ट मे आयातित दमन

जून 2014 में, एक लीक दस्तावेज़ के अनुसार ईजिप्ट मिनिस्ट्री ऑफ द इंटीरियर ने ईश्वर-निंदा, व्यंग और नैतिकता की कमी से लड़ने के लिए साइबर सर्वेलएन्स टेक्नालजी के निविदाओं को प्रस्ताव देने के लिए आमंत्रित किया। यह टेक्नालजी संभवतः पश्चिम से आईगी। मैक्स गल्लिएन विवरण करते हैं।

जब मिस्र के प्रदर्शनकारियों ने 2011 की क्रांति के दौरान अपनी सरकार के इमार्तों पर धावा बोला तब उन्होने अपने आप को कटे फटे कागज़ों और फाइलों के ढेर के बीच पाया। जो दस्तावेज़ नष्ट नहीं किए गए थे, उन्होने उसकी फोटो खेंच कर ऑनलाइन डालना शुरू किया, जिससे हमें ईजिप्ट सिक्योरिटी स्टा के अंदरूनी कामकाज की एक आकर्षक झलक दिखाई देती है । 2011 के दस्तावेज़ों के अनुसार ब्रिटेन स्थित “गामा समूह” ने मिस्र को £250,000 के एवज़ में “FinFisher” नामक स्पाइवेयर का प्रस्ताव दिया था। FinFisher, उपयोगकर्ता को ना सिर्फ कंप्यूटर को दूर से संक्रमित और संचार की निगरानी करने देता है बल्कि साथ-साथ ईमेल्स को पढ़ने, skype-बातचीत को सुनने और सॉफ्टवेर इन्सटॉल करने देता है। प्रकट लेख सूचित करते हैं कि मिस्र के सुरक्षा सेवाओं ने एक बार सॉफ़्टवेयर का एक नि: शुल्क परीक्षण संस्करण प्राप्त किया है, लेकिन गामा अंतरराष्ट्रीय ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कभी मिस्र सरकार को पूर्ण सॉफ़्टवेयर बेचा था। जून 2014 में, बल्कि एक अजीब लीक दस्तावेज़ ने मिस्र के साइबर सुरक्षा कार्यक्रमों के बारे में बहस को फिर से ताज़ा किर दिया। समाचार पत्र “अल-वाटन” ने मई में निविदाओं के लिए मिनिस्ट्री ऑफ द इंटीरियर के द्वारा एक माँग में प्रकाशित थी जिसमें इंटेलिजेन्स कोम्पनियों को नये साइबर निगरानी प्रणाली के लए प्रस्ताव पेश करने के लए कहा गया था। समाचार पत्र मंत्रालय की नई “Social Networks Security Hazard Monitoring System” के बारे में सोंच का सारांश दर्शाता है: कार्यक्रम, फ़ेसबुक, youtube और ट्विटर सहित सभी सामाजिक मीडिया प्लेटफार्मों में ना सिर्फ कानून के उल्लंघन करने वालों की व्यापक खोज व जानकारी इकट्ठा कर सके बल्कि – और यह महत्वपूर्ण है – विद्वन्सक विचार रखने वालों को भी डूँड पाए। दिलचस्प बात ये है कि यह दस्तावेज़ विनाशकारी विचारों की एक सूची को देता है जिसमें और चीज़ों सहित: निन्दा और धर्म में संदेह , अफवाहें और अनुचित शब्दों का प्रयोग, व्यंग्य , तथ्यों का जानबूझकर घुमा कर प्रसार, सामाजिक स्तंभों के हटाने की मांग (सेना के लिए एक स्पष्ट व्यंजना ), प्रदर्शन , अश्लील साहित्य, नैतिकता की कमी को आमंत्रित करना, दुश्मन देशों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की मांग और इस संबंध में राज्य की रणनीति को धोखा देना भी शामिल था। ईजिप्षियन न्यायपालिका अतीत में अस्पष्ट आरोपों जैसे “झूठी खबरें फेलाना” और “देश को विभाजित करना” का प्रयोग करते हुई देखी गयी है। वह पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को परेशान एवम् उन पर मुकदमा चलाते हुई भी देखी गयी है। इस रूप को देखते हुए, इसमें कोई शक नहीं किया जा सकता है कि अगर इस तरह के एक निगरानी कार्यक्रम ईजिप्ट में अस्तित्व में आता है तो वह सभी राज्य सुरक्षा तंत्र के लिए मनमानी करने की खुली छूट होगी, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्र के लिए एक घाटक झटका होगा। ईजिप्ट और दुनिया भर में मानव अधिकार समूह गृह मंत्रालय की योजना के खिलाफ विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मिस्र का नया संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और एकांत की (Art. 57,73) गारंटी देते हैं।  निविदाओं को प्रस्ताव देने के लिए बुलाने वाले लीक हुए दस्तावेज़ों से हालांकि अधिक अनुत्तरित सवाल उठाते हैं, इनमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा सबसे पहले हो ही कैसे सकता है? अल-वतन विपक्षी सक्रियता के किसी भी रूप के लिए नही जाना जाता है, और यह स्वतंत्र रूप से गृह मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करेगा यह बहुत आश्चर्य की बात लगती है । अधिक संभावना यह है कि, यह लीक हाल के महीनों में कई उदाहरणों में से एक है कि ईजिप्ट के सुरक्षा तंत्र अपने तरीकों के बारे में जनता को सूचित करने से मना नहीं करता है, और उमीद करता है के ये कार्यकर्ताओं को या किसी को भी जिसने “जानबूझकर तथ्यों मोड़” की योजना इंटरनेट पर बनाई है धमकाना और हतोत्साहित करने के लिए काम करेगा।  आयातित दमन निविदाओं के लिए लीक कॉल के बारे में बहस के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक यह था कि, अगर प्रस्ताव आते तो सभी प्रस्ताव युरोपियन और उत्तर अमेरिकन कंपनियों से ही आते । वास्तव में, यूरोप और अमेरिका निगरानी सॉफ्टवेयर के मुख्य प्रदायक ना ही सिर्फ़ युरोप के लिए बल्कि सऊदी अरेब, बर्मा और दुनिया भर के अन्य दमनकारी शासनों के भी बन गये हैं। जिसे उपयुक्त नाम “हैकिंग टीम” दिया गया है वह मिलान में आधारित है व इन्होंने अमेरिका और सिंगापुर में सहायक कंपनियों को खोला है, Trovicor Munich में स्थित है, BlueCoat के मुख्यालय Sunnyvale, कॅलिफॉर्निया में हैं, जबकि गॅमा इंटरनॅशनल ब्रिटेन स्थित गामा समूह का एक हिस्सा है। पहली नज़र में, कोई भी यही सुझाव देगा की इसमें कुछ भी ग़लत नही है और यह निगरानी सॉफ्टवेयर एक वैध निर्यात योग्य है। निश्चित रूप से, इस ज़माने में जहाँ अपराधियों और सशस्त्र विध्वंसक समूहों ने बहुत ज़यादा इंटरनेट का उपयोग करना प्रारंभ किया खुद को व्यवस्थित करने और नए सदस्यों को भर्ती करने के लिए, वहाँ सरकारों को कभी-कभी उनकी खुद की सुरक्षा की रक्षा करने के क्रम में एक व्यक्ति की डिजिटल गोपनीतीयूं का आक्रमण करने के लिए सक्षम होना चाहिए। यह एक ही तर्क है जो सरकारो को एक व्यक्ति की शारीरिक गोपनीतियों का आक्रमण करने के लिए कहता है, और एक ही नैतिक और कानूनी औचित्य लागू होना चाहिए उन कंपनियों पर जो पुलिस और अग्निशमन विभाग को crowbars प्रदान करती हैं जिसका कभी कभी सरकार की सुरक्षा सेवाएँ drug bust के लिए करती हैं और जो स्पाइवेयर प्रदान करने वाली कंपनियाँ हैं । हालांकि, करीब निरीक्षण पर, यह समानता विफल है। सबसे पहले, एक कार्यक्रम जो की सुरक्षा की खातिर एक रक्षात्मक उपकरण गोपनीतियों के आक्रमण के लिए है, उसको जोरदार कानूनी सुरक्षा और उचित प्रक्रिया के साथ आने की ज़रूरत है, जो की अधिकतर देशो में उपस्थित नही है या फिर नजरअंदाज कर दिए गये हैं। कानूनी सुरक्षा उपायों के बिना, FinFisher जैसे कार्यक्रम बिना किसी कारण और राजनीति से प्रेरित कानूनी प्रक्रियाओं के बिना निगरानी के माध्यम से अपने नागरिकों को परेशान करने और नुकसान पहुंचाने के लिए राज्य द्वारा प्रयोग के लिए एक आक्रामक हथियार बन जाते हैं। कार्यकर्ता जैसे ईजिप्षियन blogger माइकेल नबील जिन्हे तीन साल की जेल में सज़ा सुनाई गयी थी सिर्फ़ फ़ेसबुक पर पोस्ट करने के लिए “सेना और लोग कभी भी एक नही थे” इस के लिए गवाही कर सकते हैं।

निविदाओं के लिए लीक कॉल स्पष्ट करता है के यह सॉफ्टवेयर केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के लिए प्रयुक्त नही किया जाता, लेकिन यह एक कथित ‘नैतिक’ कोड लागू करने के लिए भी प्रयोग होता है। और यह कोड एक सार्वभौमिक आयोजित मान्यता की सरल व्याख्या नही है: यह व्यंग्य, अश्लील साहित्य, और धार्मिक संदेह का अपराध करता है। 2012 में, एक और ईजिप्षियन Blogger, अलबेर साबेर, को गिरफ्तार किया गया और तीन साल की सज़ा सुनाई गयी “इस्लाम और ईसाई धर्म को बदनाम” और “नास्तिकता के प्रसार करने के लिए” क्योंकि उसने youtube पर “The Innocence of Muslims” फिल्म को share किया था।

डिजिटल हथियार साइबर निगरानी सॉफ्टवेयर के लिए एक अधिक उचित शारीरिक सादृश्य है: बंदूक। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिबंध बनाए गये थे दमनकारी सरकारों के हथियारों की बिक्री को सीमित करने के लिए, क्यूँकि बंदूक का प्रयोग केवल राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रक्षात्मक उपकरण के रूप में नहीं किया जा सकता है, बल्कि वास्तव में एक आक्रामक उपकरण के रूप नागरिकों को परेशान और नुकसान पहुचाने के लिए, और नैतिक संहिता लागू करने के लिए किया जा सकता है जो कि मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा के साथ अनुकूल नहीं है। अगर एक जैसे संकट ही साइबर निगरानी कार्यक्रमों में लागू होते हैं तो फिर एक जैसे ही व्यापार प्रतिबंधों को लागू होना चाहिए। ऐसा कोई कारण नही है के क्यों एक शासन जिस पर हथियारों के साथ भरोसा नही किया जा सकता उस पर उपकरणों के साथ भरोसा किया जा सके जो उसको अनुमति दे अपने नागरिको पर जासूसी करने के लिए।इस बात पर लोगों का ध्यान और सक्रियता बढ़ रही है, और कुछ सरकारों ने ब्रिटेन सहित 2012 में गामा समूह के FinFisher का निर्यात सीमित किया है। लेकिन, इस मुद्दे पर व्यापक अंतरराष्ट्रीय समझौतों को साइबर निगरानी प्रौद्योगिकी को एक ही निर्यात प्रतिबंध जो टैंकों और राइफलों के लिए लागू है, का पालन करना चाहिए। यह निश्चित रूप से एक उद्योग जिसका वार्षिक 5 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान किया गया है उसको नुकसान पहुचाएगा, निगरानी प्रौद्योगिकी के अवैध और अनैतिक उपयोग करने की वजह से इसे दमनकारी शासनों की आबादी की वास्तविक पीड़ा के खिलाफ आयोजित किए जाने की जरूरत है। आदर्श रूप में इन कार्यक्रमो का प्रयोग एक नई निष्कर्ष दुनिया भर में सैन्य हार्डवेयर के निर्यात के बारे में देखाता है, क्योंकि इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग उनकी विश्वसनीयता के लिए एक लिटमस परीक्षण के रूप में व्यवहार कर सकता है जब ये फाइटर जेट्स केलिए आता है। यह सुनिश्चित है कि दुनिया भर में सत्तावादी शासनों हमेशा निगरानी प्रौद्योगिकी तक पहुंच पाएंगे। लेकिन एक दिन, निर्यात प्रतिबंध निविदाओं के लिए एक कॉल का जवाब देने से साइबर निगरानी सॉफ्टवेयर का सबसे आधुनिक और परिष्कृत आपूर्तिकर्ताओं निषिद्ध होगा जिस तरह 2014 में ईजिप्ट की सरकार द्वारा जारी किया गया था और यह निश्चित रूप से सही दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

मैक्स गल्लिएन एक डेरेंडोर्फ स्कॉलर हैं St Antony’s कॉलेज में, MPhil मिड्ल ईस्टर्न स्टडीस के लिए अध्ययन कर रहे हैं।

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'वाक्-स्वतंत्रता पर चर्चा' ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट एंटनी कॉलेज में स्वतंत्रता के अध्ययन पर आधारित दह्रेंदोर्फ़ कार्यक्रम के अंतर्गत एक अनुसन्धान परियोजना है www.freespeechdebate.com

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